महामृत्युंजय जाप क्या हैं ?

जन्मकुण्डली में सूर्यादि ग्रहों के द्वारा किसी प्रकार की अनिष्ट की आशंका हो या मारकेश आदि लगने पर, किसी भी प्रकार की भयंकर बीमारी से आक्रान्त होने पर, अपने बन्धु-बन्धुओं तथा इष्ट-मित्रों पर किसी भी प्रकार का संकट आने वाला हो। देश-विदेश जाने या किसी प्राकर से वियोग होने पर, स्वदेश, राज्य व धन सम्पत्ति विनष्ट होने की स्थिति में, अकाल मृत्यु की शान्ति एंव अपने उपर किसी तरह की मिथ्या दोषारोपण लगने पर, उद्विग्न चित्त एंव धार्मिक कार्यो से मन विचलित होने पर महामृत्युंजय मन्त्र का जप स्त्रोत पाठ, भगवान शंकर की आराधना करें।

भगवान शिव की पूजा करने के लिए सावन का महीना सबसे उत्तम समय माना जाता है। इस माह शिवजी की विधि पूर्वक पूजा आराधना करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। शिव को जल्द प्रसन्न करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र सबसे प्रभावशाली मंत्र है। इस मंत्र का जाप करना फलदायी होता है, लेकिन इसका जप करते हुए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। अगर आप इन बातों का ध्यान नहीं रखते तो इसका आप पर उल्टा प्रभाव भी पड़ सकता है।

कहा जाता है कि अगर महामृत्युंजय मंत्र का जाप नियमित किया जाए तो भगवान शिव की शक्ति प्राप्त होती है। भगवान अपने भक्तों की सारी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं और उनके कष्टों को दूर करते हैं।कहा जाता है कि अगर महामृत्युंजय मंत्र का जाप पूर्ण भक्ति भाव से किया जाए तो असमान मृत्यु बीमारी और बुरी आत्माओं से बचा जा सकता है। महामृत्युंजय मंत्र के द्वारा धन-समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशियां हासिल की जा सकती हैं। इसके द्वारा सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और अनहोनी से बचा जा सकता है।

महामृत्युंजय मंत्र के लाभ

ऐसा माना जाता है कि महामृत्युंजय मंत्र के जाप से शारीरिक और मानसिक लाभ होते हैं। महामृत्युंजय मंत्र को दीर्घायु और अमृता प्रदान करने वाला मोक्ष मंत्र माना जाता है। इसे स्वस्थ रहने और लंबे जीवन प्राप्त करने के लिए प्राचीन काल से इस्तेमाल किया गया है। पुराणों के अनुसार ऋषियों द्वारा महामृत्युंजय मंत्र का प्रयोग किया गया था और सती ने भी भगवान चंद्र के लिए राजा दक्ष के श्राप का सामना करने के लिए इसका उपयोग किया था। महामृत्युंजय मंत्र के जाप का प्रभाव इतना शक्तिशाली है कि भगवान चंद्र को अपनी मृत्यु के श्राप से भी मुक्ति मिल गई थी। इससे चांद को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त हुआ और वह उनके मस्तिष्क पर विराजमान हुए। अकस्मात मृत्यु से बचने के लिए भगवान शिव की आराधना इस मंत्र के द्वारा की जाती है। अपने शरीर में विभूति लगाते समय इस मंत्र का जाप किया जाता है। महामृत्युंजय मंत्र के द्वारा शरीर में ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है एवं अचानक मौत एवं बीमारियों से बचा जा सकता है। महामृत्युंजय मंत्र के जाप के द्वारा धन संपदा मान सम्मान में वृद्धि और बार-बार जन्म मृत्यु के बंधन से मुक्ति मिलती है।

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