आचार्य पंडित राजेश व्यास (कर्मकांड एवं ज्योतिषाचार्य)
pandit jee vaidik anushthaanon mein aachaary kee upaadhi se vibhooshit hai evan sabhee prakaar ke dosh jaise kaal sarp dosh pooja, mangal dosh pooja evan vadhao ke nivaaran ke kaaryo ko karate hue 15 varsho se bhee jyaada ho gaya hai.
पंडित जी वैदिक अनुष्ठानों में आचार्य की उपाधि से विभूषित है एवं सभी प्रकार के दोष जैसे काल सर्प दोष पूजा, मंगल दोष पूजा एवं वधाओ के निवारण के कार्यो को करते हुए १५ वर्षो से भी ज्यादा हो गया है।
कालसर्प दोष पूजा के अलावा पंडित जी ने मंगलशांति पूजा, मंगलभात पूजा, रुद्राभिषेक, नवग्रह शांति, ग्रह दोष निवारण, पितृ दोष निवारण केमद्रुम दोष जैसे अनुष्ठानों को सम्पूर्ण वैदिक पद्धति द्वारा संपन्न किया जाता है |
इसके अतिरिक्त दुर्गा सप्तसती पाठ, महामृत्युंजय जाप भी आवश्यकता के अनुसार करते हैं, पंडित जी अर्क विवाह, कुम्भ विवाह, जन्म कुंडली अध्ययन एवं पत्रिका मिलान में भी सिद्धस्त हैं तथा वास्तु पूजन, वास्तु दोष निवारण एवं व्यापार व्यवसाय बाधा निवारण का पूजन भी सम्पूर्ण विधि विधान से करते हैं।
पूजा और अनुष्ठान जिनमे पंडित जी की विशेषज्ञता हैं: सम्पूर्ण कालसर्प दोष निवारण, मंगल दोष निवारण (भातपूजन), नवग्रह शांति, दोष निवारणार्थ अनुष्ठान, वास्तु दोष शांति, पितृदोष शांति पूजन, द्विविवाह योग शांति, रोग निवारण शांति, समस्त विध्न शांति, विवाह संबंधी विघ्न शांति, नवग्रह शांतिकामना पूर्ति अनुष्ठान, भूमि प्राप्ति, धन प्राप्ति, शुभ (मनचाहा) वर/वधु प्राप्ति, सर्व मनोकामना पूर्ति, व्यापार वृध्दि, रक्षा कवच, अन्य सिद्ध अनुष्ठान एवं पूजनपाठ, जाप एवं अन्य अनुष्ठान, दुर्गासप्तशती पाठ, श्री यन्त्र अनुष्ठान, नागवली/नारायण वली, कुम्भ/अर्क विवाह, गृह वास्तु पूजन, गृह प्रवेश पूजन, देव प्राण प्रतिष्ठा, रूद्रपाठ/रूद्राभिषेक, विवाह संस्कार
हमारे द्वारा मूर्ति प्रतिष्ठा, यज्ञ, कालसर्प दोष, मंगलभात पूजा वास्तु शान्ति, नक्षत्र शान्ति, महामृत्युंजय जप, रुद्र अभिषेक दुर्गापाठ एवं तंत्र, मंत्र,यंत्र, जन्म पत्रिका, विवाह संस्कार समस्त कार्य वैदिक पद्धिति से सम्पन्न कराये जाते है |
पंडित राजेश व्यास जी के द्वारा की गई नवग्रह शांति, मंगलभात पूजा, मंगलशांति पूजा, रुद्राभिषेक, ग्रह दोष निवारण, पितृ दोष निवारण एवं मांगलिक कार्यो की चित्रमाला
ज्योतिष शास्त्र में राहु- केतु को सर्प की संज्ञा दी गई है. राहु सर्प का फन और केतु उसकी पूंछ है. कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के मध्य स्थित हों, तो काल सर्प योग बनता है जिस कारण संतान अवरोध, घर में रोज-रोज कलह, शारीरिक विकलांगता, मानसिक दुर्बलता, नौकरी में परेशानी आदि बनी रहती है। जाने अंजाने में इस दौरान अशुभ कामों के चलते इनके फल काफी कष्ट दायक हो जाते हैं। राहु के देवता काल (मृत्यु) हैं, इसलिये राहु की शांति के लिये कालसर्प शांति आवश्यक है।
पंडित राजेश व्यास जी के द्वारा की गई नवग्रह शांति, मंगलभात पूजा, मंगलशांति पूजा, रुद्राभिषेक, ग्रह दोष निवारण, पितृ दोष निवारण एवं मांगलिक कार्यो की वीडियो
पंडित राजेश व्यास जी द्वारा उज्जैन मे कालसर्प दोष निवारण, मंगल दोष भात पूजा, महामृत्युंजय जाप, नवग्रह शांति, चांडाल दोष, वास्तु दोष शांति, रुद्राभिषेक पूजा, अर्क/कुम्भ विवाह पूजा हेतु वर्ष भर लोग आते है, आप भी अगर किसी दोष से परेशान है, और अपने बिगड़े काम बनाने हेतु उज्जैन मे पूजा करना चाहते है तो अभी पंडित जी से निशुल्क परामर्श ले। क्योकि पंडित जी द्वारा सभी प्रकार की पूजाये न्यूनतम शुल्क में करवाई जाती है
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Address: 3, अखंड महाकाल कॉलोनी, चार धाम मंदिर के पास, उज्जैन, म.प्र. E-Mail: vyashrajesh92@gmail.com Mobile: +91 9826686217 , +91 9993133235 Whatsapp: 9826686217
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